अगर तू मिली ना होती


agar tu mili na hoti by vijay bhalerao












अगर तू मिली ना होती,  
तो ये दिल भी शायद खाली रहता,  
तन्हाईयों के इस बियाबान में,  
हर ख्वाब अधूरा सा लगता।

तेरी हंसी का वो जादू,  
हर दर्द को सहलाने आता है,  
अगर तू ना होती साथ मेरे,  
तो ये दिल भी खुद को समझा ना पाता।  

तेरे बिना रंग फीके होते,  
हर रात स्याही में डूबी रहती,  
अगर तू मिली ना होती,  
तो ये ज़िन्दगी यूं ही सर्द रहती।  

तेरी आँखों में जो चमक है,  
वो दुनिया को रोशन कर जाती,  
अगर तू ना होती ज़िन्दगी में, 
तो खुशियों का सुरूर भी कभी ना आता। 

अगर तू मिली ना होती,  
तो शायद ये सफ़र अधूरा रह जाता,  
तेरे बिना हर मोड़ पर,  
एक नया दर्द इंतज़ार करता।  

अब जब तू है साथ मेरे,  
हर लम्हा एक ख्वाब सा लगता,  
अगर तू मिली ना होती,  
तो शायद मैं भी अधूरा रह जाता।

© विजय कमल भालेराव

 


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